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पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के चुनाव में आज सभी ६ सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचन | उत्तर प्रदेश से प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह और तीन सदस्य में अब्दुल रब जफर हुसैनी, राजेंद्र मिश्र ,और जम्मू कश्मीर से सेकेंड उपाध्यक्ष उमर हमीद सहित एक सदस्य पप्पू वाटल और रेस्ट ऑफ़ इंडिया से बोधराज मल्होत्रा ||Amendment In Duty Drawback Rates On Carpets And Other Floor Coverings Of Man Made Fibres For The Year 2016-17 Effective From 15th January, 2017. ,,सीईपीसी के चुनाव की सरगर्मी बढ़ी ,,डोमोटेक्स में सम्मानित भदोही के नुमान वजीरी से मिले मुख्यमंत्री || DOMOTEX - दो भारतीय कालीनों को मिला बेस्ट पानीपत में विशेष कारपेट कलस्टर स्थापित होगा : स्मृति || कि अब तक पानीपत के DOMOTEX 2017 Winners of the Carpet DOMOTEX 2017 AFTER REPORT - puts fresh wind in the sails of the global floor coverings industryDesign Awardsडिजाईन अवार्डत्री

संसद वीरेन्‍द्र सिंह ने किया एक्‍सपो का समापन

कहा कालीन उद्योग ही नही बल्कि हमारा पुश्तैनी काम, परम्परा और संस्कृति भी है

वाराणसी। वाराणसी के संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में वस्‍त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित 34वां इंडिया कारपेट एक्‍सपो का शुक्रवार को सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष वीरेन्‍द्र सिंह मस्‍त ने समापन किया। समापन के दौरान उन्‍होने कहा कि भारतीय कालीन उद्योग एक कुटीर उद्योग है । उन्होंने ने बताया कि अभी बहुत से देश भारत के कालीन का प्रयोग होता है लेकिन इन देशों में भारत की जगह  किसी अन्य देश द्वारा निर्यात किया जाता है अभी हाल में ही उन्हें राष्ट्रपति जी के साथ इथोपिया के दौरे के सामने आई । यह एक उद्योग ही नही बल्कि पुस्तैनी काम के साथ परम्परा और संस्कृति भी है। किसान खेती के साथ ही इसे करता है जो उसे स्‍वावलंबी बनाने में काफी मददगार होती है।
      हमारा कालीन उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों की कारीगरी से दुनिया भर में भारत की पहचान बनती है। मोदी सरकार इनके लिए कई योजनाएं भी लाई है जिसमें बुनकरों के पेंशन, पुरस्‍कार देकर उन्‍हे उत्‍साहित कर रही है वहीं मुद्रा लोन के माध्‍यम से स्‍वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही है। कालीन भेड़ के बालों से बनता है इसलिए हमारी सरकार ने भेड़ पलकों के लिए योजना भी चला रही है। नबार्ड के तहत भेड़पालकों को स्वावलंबी बनाने के लिए 10 भेड़ पर एक लाख व 100 भेंड़ पर दस लाख की राशि दे रही है जो ब्याज मुक्त है।

उन्होंने कहा आज मुद्रा लोन लेकर लोग खुद अपना व्‍यसाय कर रहे हैं।
        हाल ही में भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्‍थान में एमटेक की पढ़ाई के लिए बीएचयू उसे बीएचयू में समाहित करने की प्रक्रिया चल रही है इससे जहां छात्रों को लाभ होगा वहीं नए नए तकनीक से कालीन उद्योग में नए तरह उत्‍पाद बनाए जा सकते हैं। उन्‍होने इस दौरान मेले का भ्रमण कर कहा कि कालीन हमारी गौरवशाली पंरपरा की पहचान है और लगातार इसमें नए और आकर्षक उत्‍पाद आकर्षण पैदा कर रही हैं। उन्‍होने कई स्‍टालों पर रूक कर कई उत्‍पादों की जानकारी लिया। उन्होंने परिषद के सफल आयोजन के लिए बधाई दी
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