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पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के चुनाव में आज सभी ६ सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचन | उत्तर प्रदेश से प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह और तीन सदस्य में अब्दुल रब जफर हुसैनी, राजेंद्र मिश्र ,और जम्मू कश्मीर से सेकेंड उपाध्यक्ष उमर हमीद सहित एक सदस्य पप्पू वाटल और रेस्ट ऑफ़ इंडिया से बोधराज मल्होत्रा ||Amendment In Duty Drawback Rates On Carpets And Other Floor Coverings Of Man Made Fibres For The Year 2016-17 Effective From 15th January, 2017. ,,सीईपीसी के चुनाव की सरगर्मी बढ़ी ,,डोमोटेक्स में सम्मानित भदोही के नुमान वजीरी से मिले मुख्यमंत्री || DOMOTEX - दो भारतीय कालीनों को मिला बेस्ट पानीपत में विशेष कारपेट कलस्टर स्थापित होगा : स्मृति || कि अब तक पानीपत के DOMOTEX 2017 Winners of the Carpet DOMOTEX 2017 AFTER REPORT - puts fresh wind in the sails of the global floor coverings industryDesign Awardsडिजाईन अवार्डत्री

कालीन निर्यात पहुचा दस हजार करोड़ के पार

पहली बार आंकड़े ने छुआ १० हजार करोड़ 

कपडा मंत्री ने बताई मोदी के तीन वर्ष की उपलब्धि 

निर्यात में १००० हजार करोड़ की वृद्धि


नयी दिल्ली कारपेट कॉम्पैक्ट  मोदी सरकार के तीन वर्षों में हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के भी अच्छे दिन आएं हैं। देश से हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात आंकड़ों में लगातार बढोत्तरी दर्ज की गई है। बीते तीन वर्षों में यह निर्यात आंकड़ा सात हजार करोड़ से बढ़ कर दस हजार करोड़ के पार हो गया है। इस सफलता को लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने ट्वीट कर इसे सरकार के तीन वर्ष के उपलब्धियों में जोड़ते हुए खुशी जताया है।देश में कालीन निर्माण और निर्यात के लिए विश्व भर अपनी पहचान रखने वाला उत्तर प्रदेश के भदोही के कालीन उद्यमियों ने खुसी जताया साथ ही  कालीन निर्यातकों का मानना है सरकार सुविधाओं में बढोत्तरी करती रहे तो निर्यात में इजाफा होता रहेगा। मोदी सरकार के तीन वर्ष होने पर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि देश मे कौन-कौन से क्षेत्रों में बदलाव आया है। इन वर्षों में मंदी से जूझ रहे भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों की स्थिति में सुधार देखने को मिले हैं। सरकार के आंकड़े कुछ यही कहते हैं कि कालीन उद्योग में 20 फीसदी दर से बढोत्तरी दर्ज की गई है। पूरे देश मे वित्तीय वर्ष 2013-14 में हस्तनिर्मित कालीन उद्योग का निर्यात 6,530 करोड़ से बढ़ कर 7,110 हुआ। 2014 -15  में यह बढ़कर 8,441 वही 2015 -16 में बढ़कर 9481 करोड़ पहुंचा और वित्तीय वर्ष 2016-17 में कपड़ा मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि यह उद्योग अब 10,489 करोड़ का हो गया है। बीते एक वर्ष में ही इस उद्योग ने एक हजार की बढोत्तरी की है तो वहीं तीन वर्ष में चार हजार करोड़ से अधिक निर्यात में इजाफा हुआ है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् , सदस्य प्रशासनिक समिति , अब्दुल रब का ने बताया की  इस सफलता से कालीन उद्योग से जुड़े लोग यह मानते हैं कि अगर सुविधाओं में बढोत्तरी होती रहे तो निश्चित ही निर्यात बढ़ेगा। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अब्दुल रब का कहना है कि परिषद द्वारा भारत मे दो कार्पेट फेयर अय्योजीत करने के साथ जर्मनी डोमोटेक्स में भी फेयर लगाया जाता है जिसमे सरकार का पूरा सहयोग मिलने से उद्योग को फायदा होता है।
    निर्यातक का का कहना है की  असलम महबूब, कालीन निर्यातक हांथो से बने खूबसूरत व रंग-बिरंगी कालीनो का काम विश्व में भारत के अलावा पाकिस्तान, ईरान जैसे कई देशों में होते थे लेकिन हस्तनिर्मित कालीनों पर मशीनमेड कालीनों का बड़ा प्रभाव पड़ने से दूसरे देशों में यह काम सिमट रहा है। लेकिन कला और परम्परा के नाते यह उद्योग भारत मे जिंदा है। देश मे यूपी के भदोही-मिर्जापुर, आगरा और दूसरे प्रदेशों में राजस्थान, कश्मीर सहित अन्य स्थानों पर हस्तनिर्मित कालीनों की बुनाई की जा रही है। निर्यात में एक बड़ा हिस्सा भदोही-मिर्जापुर का है। इसे लेकर निर्यातकों का मानना है कि देश के दूसरे हिस्सों से निर्यात बढ़ रहा है लेकिन भदोही में कोई खास इजाफा नही है इसके लिए सरकार को पहले से दी जाने वाली सुविधाओं में बढोत्तरी करनी चाहिए।

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