भदोही GST लागु होने के बाद देश - विदेश में अपनी अनूठी कारीगरी के लिए प्रसिद्ध भदोही
के कालीन उद्योग को वाराणसी में लगने वाले इंडिया कारपेट एक्सपो से बहुत उम्मीद
है। दस अक्तूबर से तेरह अक्तूबर तक लगने वाला चार दिवसीय यह फेयर वाराणसी में
आयोजित हो रहा है। इस मेले में जहाँ 58 देशो के 353 आयातको के भाग लेने की सम्भावना है वहीं 274 निर्यातक अपने उत्कृष्ट
उत्पाद का प्रदर्शन करेंगे। इस वर्ष GST लागू होने के बाद जहाँ इंडस्ट्री में उथल पुथल मची
हुई है वहीँ पिछले फेयर की अपेक्षा इस वर्ष फेयर में आयातकों और निर्यातको के
संख्या में कमी आई है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 50 से अधिक निर्यातक अपने स्टाल नही
लगायेंगे वहीं 50 से अधिक विदेशी आयातकों की संख्या भी कम रहेगी। निर्यातको को इस फेयर से काफी
उम्मीदे है , भदोही जिले में लाखो बुनकरों की आजीवका कालीन उद्योग से ही चलती है। लाखो
बुनकरों और निर्यातकों की उम्मीद विदेशी बाजारों से ही होती है क्योकि सालाना
उद्योग से दस हजार करोड़ से ज्यादा का निर्यात किया जाता है जिसमे अकेले भदोही
परिक्षेत्र से 70 फीसदी से ज्यादा की भागेदारी है। परिषद के उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने बताया
कि कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोसन काउन्सिल वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से उद्योग को
बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में मेले का आयोजन करती है। इस वर्ष मेले में 58
देशो से 353
कालीन आयातक आ रहे
है जबकि 274 निर्यातक अपने माल को प्रदर्शित करेंगे। एक्सपो में अमेरिका ,कनाडा ,अर्जेटीना ,आस्ट्रेलिया ,चिली ,डेनमार्क ,कोलंबिया ,फ़्रांस ,जर्मनी ,चीन ,टर्की सहित अन्य देशो से
खरीददार आयेगे।कालीन निर्यातक उमेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि कालीन निर्यातक फेयर को लेकर कालीन निर्यातकों द्वारा हमेशा
नये प्रयोग किये जाते रहे हैं और इस बार भी निर्यातको ने अपनी तैयारी कर रखी है
निर्यातक संजय गुप्ता ने कहा कि लेकिन इस
वर्ष GST लागू
होने के बाद ज्यादातर निर्यातक GST को लेकर ही परेसान रहे जिससे कालीनो को लेकर कुछ नये प्रयोग
करने में दिक्कते आई हैं। यही कारण है की
इस बार फेयर में स्टाल लगाने वाले कालीन निर्यातको की संख्या कम हुई है। साथ ही
अंतराष्ट्रीय मंदी के कारण निर्यातको पर दोहरी मार पड़ी है आयातकों की भी संख्या घटी है। इसे में जो
निर्यातक फेयर में भाग ले रहे हैं उन्हें फेयर से अधिक उम्मीदें हैं। अगर उन्हें अच्छे
ऑर्डर मिले तो उन्हें मौजूदा दिक्कतों से उबरने में मदद मिल सकेगे |
ओमकार नाथ मिश्र राजेंद्र मिश्र, घनस्याम शुक्ल ,सिरोज वजीरी भी उपस्थित थे
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