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पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के चुनाव में आज सभी ६ सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचन | उत्तर प्रदेश से प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह और तीन सदस्य में अब्दुल रब जफर हुसैनी, राजेंद्र मिश्र ,और जम्मू कश्मीर से सेकेंड उपाध्यक्ष उमर हमीद सहित एक सदस्य पप्पू वाटल और रेस्ट ऑफ़ इंडिया से बोधराज मल्होत्रा ||Amendment In Duty Drawback Rates On Carpets And Other Floor Coverings Of Man Made Fibres For The Year 2016-17 Effective From 15th January, 2017. ,,सीईपीसी के चुनाव की सरगर्मी बढ़ी ,,डोमोटेक्स में सम्मानित भदोही के नुमान वजीरी से मिले मुख्यमंत्री || DOMOTEX - दो भारतीय कालीनों को मिला बेस्ट पानीपत में विशेष कारपेट कलस्टर स्थापित होगा : स्मृति || कि अब तक पानीपत के DOMOTEX 2017 Winners of the Carpet DOMOTEX 2017 AFTER REPORT - puts fresh wind in the sails of the global floor coverings industryDesign Awardsडिजाईन अवार्डत्री

व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की बैठक में भारत से निर्यात बढ़ाने के लिए राज्यों को सक्रिय भागीदार बनाने पर जोर

व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की दूसरी बैठक के लिए 8 राज्यों से आये मंत्रियों, अन्य राज्यों से आये अपर मुख्य सचिवों एवं प्रधान सचिवों और केन्द्र की ओर से आये परिषद के अन्य सदस्यों का स्वागत करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारत से निर्यात को नई गति प्रदान करने के लिए निरंतर जारी प्रयासों में केन्द्र के साथ भागीदारी के लिए राज्यों की सक्रिय भूमिका की सराहना की।
 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने परिषद के सदस्यों से व्यापार की राह में मौजूद उन बाधाओं और बुनियादी ढांचे की उन खामियों को दूर करने का आग्रह किया जो भारत से होने वाले निर्यात को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि परिषद की पहली बैठक में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नई गति प्रदान करने में सहायक माहौल बनाने के लिए राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ रचनात्मक चर्चाएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि पहली बैठक के दौरान राज्यों द्वारा उठाये गए मुद्दों को सुलझाने के लिए केन्द्र ने प्रयास किये हैं।
विश्व स्तर पर छाई आर्थिक सुस्ती का भारतीय निर्यात पर पड़ रहे असर को कम करने के लिए वाणिज्य मंत्री ने राज्यों से भारत से होने वाले निर्यात में विविधता लाने का आग्रह किया, जिसके तहत कई ओर क्षेत्रों को इसके दायरे में लाने और नये बाजारों में प्रवेश करने पर विशेष जोर दिया गया है।
 श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों से परीक्षण, प्रमाणन, भंडारन और पैकेजिंग के लिए आवश्यक सुविधाएं सृजित करने हेतु केन्द्रीय एजेंसियों से आपसी सहयोग बढ़ाने को कहा है।
 उन्होंने कहा कि जैसा कि भारतीय व्यापार पोर्टल पर देखा जा सकता है, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों द्वारा हर महीने 100-150 एसपीएस अधिसूचनाएं और इतनी ही संख्या में टीबीटी अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक उपायों में हमारे व्यापार पर असर डालने की क्षमता है। तीन क्षेत्रों (सेक्टर) की विशिष्ट जरूरतों को मोटे तौर पर कृषि एवं समुद्री उत्पादों के लिए, वन उपज के लिए और औद्योगिक उत्पादों के लिए आवश्यक कदमों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
 श्रीमती सीतारमण ने सेवा निर्यात को बढ़ावा देने की ओर राज्यों का ध्यान आकृष्ट किया जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत से आईटी और इससे संबंधित सेवाओं के निर्यात के अलावा भी अन्य सेवाओं के निर्यात पर विशेष ध्यान देकर सेवाओं के निर्यात बास्केट में विविधता लाने की जरूरत है, ताकि योग, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन एवं शिक्षा को भी इसमें शामिल किया जा सके।
 असम के मंत्री श्री चन्दर मोहन पटवारी ने पूर्वोत्तर राज्यों से व्यापार बढ़ाने से संबंधित मुद्दों को चिन्हित किया। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और व्यापार केन्द्रों में निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है।  
 आंध्र प्रदेश के मंत्री श्री पी. नारायण ने गुंटूर में अवस्थित एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को सहायता देने और एक रसद (लॉजिस्टिक) संस्थान की स्थापना के लिए मदद देने का आग्रह किया।        
  छत्तीसगढ़ के मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने वन उपज को बढ़ावा देकर जनजातीय राज्यों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के कदम उठाने की मांग की।
  गुजरात के मंत्री श्री रोहित भाई पटेल ने इस परिषद के गठन के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना की क्योंकि इससे राज्यों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मिल गया है।
 झारखंड के मंत्री श्री सी.पी. सिंह ने कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की जरूरत पर विशेष बल दिया क्योंकि झारखंड कृषि उत्पादों का एक प्रमुख उत्पादक है।
 केरल के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री ए.सी. मोइद्दीन ने कृषि उत्पादों के उदार आयात पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की, ताकि घरेलू किसानों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
 मध्य प्रदेश के मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने उपयुक्त बुनियादी ढांचे के साथ-साथ परिवहन संबंधी सहायता मुहैया कराते हुए चारों ओर से भूमि से घिरे राज्यों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय करने की मांग की।
राजस्थान के उद्योग मंत्री श्री राजपाल शेखावत ने चारों ओर से भूमि से घिरे राज्यों यानी बंदरगाह विहीन प्रदेशों को सहायता देने की मांग की।
अन्य राज्यों ने भी अपनी चिंता से संबंधित क्षेत्रों के बारे में विशेष सुझाव दिये। विशेषकर ज्यादातर राज्यों ने ‘एएसआईडीई’ योजनाओं को बहाल करने की अहमियत पर प्रकाश डाला।
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