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पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के चुनाव में आज सभी ६ सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचन | उत्तर प्रदेश से प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह और तीन सदस्य में अब्दुल रब जफर हुसैनी, राजेंद्र मिश्र ,और जम्मू कश्मीर से सेकेंड उपाध्यक्ष उमर हमीद सहित एक सदस्य पप्पू वाटल और रेस्ट ऑफ़ इंडिया से बोधराज मल्होत्रा ||Amendment In Duty Drawback Rates On Carpets And Other Floor Coverings Of Man Made Fibres For The Year 2016-17 Effective From 15th January, 2017. ,,सीईपीसी के चुनाव की सरगर्मी बढ़ी ,,डोमोटेक्स में सम्मानित भदोही के नुमान वजीरी से मिले मुख्यमंत्री || DOMOTEX - दो भारतीय कालीनों को मिला बेस्ट पानीपत में विशेष कारपेट कलस्टर स्थापित होगा : स्मृति || कि अब तक पानीपत के DOMOTEX 2017 Winners of the Carpet DOMOTEX 2017 AFTER REPORT - puts fresh wind in the sails of the global floor coverings industryDesign Awardsडिजाईन अवार्डत्री

काला धन - स्विट्जरलैंड ने कई कालीन निर्यातकों से ब्यौरा मांगा

10 लोगो मे कई कालीन निर्यात भी शामिल 

नई दिल्ली/बर्न
विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए भारत ने स्विट्जरलैंड से कम से कम 10 लोगों और इकाइयों का बैंकिंग ब्योरा मांगा है। समझा जाता है कि इन लोगों ने अपना बेहिसाबी धन स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा किया है। इनमें दो सूचीबद्ध कपड़ा कंपनियां हैं, जबकि अन्य आर्ट क्यूरेटर और उसके *कालीन निर्यात कारोबार से जुड़ी हैं।*

स्विट्जरलैंड के टैक्स डिपार्टमेंट ने इन लोगों को पिछले सप्ताह नोटिस जारी कर 30 दिन में जवाब देने को कहा है। ये यूनिट्स 30 दिन में भारत के सूचना के आग्रह पर प्रशासनिक सहयोग प्रदान करने के फैसले के खिलाफ अपील कर सकती हैं। अपने स्थानीय नियमों के तहत ऐसे मामलों में स्विट्जरलैंड सरकार दूसरे देश के साथ सूचना साझा करने से पहले संबंधित लोगों को अपनी बात रखने का एक अंतिम अवसर देती।
यदि ये नोट संबंधित बैंक या टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा सीधे नहीं पहुंचाए जा सकते हैं तो इन्हें गजट अधिसूचना के जरिए सार्वजनिक किया जाता है। पिछले सप्ताह भारत से जुड़े लोगों और इकाइयों के संबंध में 10 नोटिस गजट में जारी किए। यह एक सप्ताह में किसी भी एक देश के मामले में सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इन नोटिसों में दो कपड़ा कंपनियों में नियो कॉरपोरेशन इंटरनेशनल और एसईएल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लि. का नाम शामिल है।
इसके अलावा कई अन्य कंपनियां ऐसी हैं, जिनकी स्थापना टैक्स हेवन पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में की गई हैं।
 इनमें से ज्यादातर *कंपनियां और लोग कालीन निर्यात कारोबार और आर्ट क्यूरेटर से जुड़े हैं, जिनका परिचालन कई देशों में फैला हैं। इनमें अब्दुल राशीद मीर, अमीर मीर, साबेहा मीर, मुजीब मीर और तबस्सुम मीर शामिल हैं।*

इन नोटिसों में जो अन्य कंपनियां हैं, उनमें कॉटेज इंडस्ट्रीज एक्सपोजिशन, मॉडेल एसए और प्रोग्रेस वेंचर्स ग्रुप शामिल हैं। इनमें कुछ नाम लीक पनामा दस्तावेजों भी थे, लेकिन इन दो सूचीबद्ध कंपनियों सहित अन्य ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। भारत ने इससे पहले जिन लोगों या इकाइयों के बारे में सूचना मांगी थी उनमें कुछ सूचीबद्ध कंपनियां, रीयल एस्टेट कंपनी के पूर्व सीईओ, दिल्ली के एक पूर्व अधिकारी की पत्नी, दुबई स्थित भारतीय मूल के निवेश बैंकर, एक चर्चित भगौड़ा और उसकी पत्नी और यूएई की होल्डिंग कंपनी शामिल हैं।
  लंबे समय से कालीन में काले धन की शिकायतें सामने आती रहती थी लगातार उद्योग में गिरावट की बात करने वाले इस उद्योग आंकड़े में बढ़ती जा रही है कि बार यह शिकायते मिलती रही उद्योग में ओवर इंवॉइसिन की शिकायतें आम बात हो गई थी ऐसे यह समाचार उद्योग की मुश्किलें बढ़ा सकती है
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