
कई व्यापारिक अनुबंधों पर हुई सहमति कई देशों के आयातक और निर्यातक हुए शामिल
वाराणसी के बड़़ा लालपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में मंगलवार की देर शाम वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यातक संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा बायर-सेलर मीट का अयोजन किया गया जिसमें शामिल हुए सैकड़़ो आयातकों व निर्यातकों ने आपसी चर्चा से व्यपार बढ़ाने पर जोर दिया।

इस दौरान सीईपीसी के चेयरमैन महावीर शर्मा ने कहा कि क्राफ़ट, आर्ट हमारी ताकत है और परिषद इसे बढ़ाने की कोशीश कर रही है। उन्होने निर्यातकों से कहा कि समय पर आर्डर पूरे करने के साथ जिस गुणवत्ता पर आयातक के साथ सहमति बनी हो उससे बेहतर देने का प्रयास होना चाहिए। उन्होने कहा कि कालीन का व्यापार बुनकर के बिना असंभव है ऐसे में बुनकरों को मजबूत कर उनका जीवन बेहर करने के लिए प्रयात और तेज करने की आवश्यकता है।
परिषद के उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि निर्यात में काफी बदलाव आया है। परिषद कालीन के व्यापार के लिए नए देशों में बाजार बना रही है। उन्होने निर्यातकों से कहा कि गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धा करें दर में नहीं, मूल्य कम करने से गुणवत्ता में गिरावट आती है। उन्होने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर कोरिया, चाइना, रसिया आदि का अंतर्राष्ट्रीय विवाद व कई देशों द्वारा अपने मुद्रा का अवमूल्यन किए जाने से समस्याए हुई हैं लेकिन आशा है कि जल्द सबकुछ ठीक हो जायेगा।
इस दौरान बायर-सेलर मीट में परिषद के उपाध्यक्ष उमर हमीद, उमेश गुप्ता, बोथराज मेहरोत्रा, शेख आशिक, ओमकार मिश्रा, राजेन्द्र मिश्रा, अब्दुल रब, फिरोज वजीरी, जफर हुसैनी, सतीश वाटल, राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा, प्रदीप सेठी सहित काफी संख्या में आयातक-निर्यातक शामिल रहे।

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