मुख्यमंत्री राहत निधि और उपराज्यपाल की राहत निधि की आय कर से मुक्त रहेगीटीडीएस के अधिक भुगतान की वापसी के मामले में ब्याज दिये जाने का प्रावधानकैशलेस लेन-देन वाले उपकरणों पर सीमा एवं उत्पाद शुल्क में कटौती का प्रस्ताव
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट
मामलों के मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए
बताया कि कराधान का वर्तमान भार मुख्य रूप से ईमानदार करदाताओं या वेतनभोगी
कर्मचारियों को उठाना पड़ता है, जो अपनी आय ठीक-ठीक दर्शाते है। वित्तमंत्री ने छोटे
करदाताओं के लिए आयकर की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने विभिन्न युक्तिकरण प्रयासों
की घोषणा की।
बेईमान और भ्रष्टाचारियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी। गलत जानकारी
देने वाले लेखाकारों या मर्चेंट बैंकों या पंजीकृत मूल्य आंकने वालों पर प्रत्येक
दोष के लिए 10,000 रूपये का दंड लागू होगा। प्रधानमंत्री राहत निधि की तरह मुख्यमंत्री राहत
निधि या उपराज्यपाल राहत निधि भी कर से मुक्तरहेगी।
टीडीएस के अधिक भुगतान पर वापसी राशि के मामले में ब्याज देने का प्रावधान
किया गया है। बजट में टीसीएस शासन को मजबूत करने के लिए यहप्रावधान किया गया है कि
कलेक्टि वसूलकर्ता को अपना पेन नम्बर देगा।
आम बजट 2017-18 में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ कैशलेस लेन-देन वाले उपकरणों पर सीमा एवं
उत्पाद शुल्क में कटौती का प्रस्ताव
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद
में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ कैशलेस लेन-देन उपकरणों के
निर्माण पर सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में उल्लेखनीय कटौती करने की घोषणा
की।
सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के
प्रयासों के तहत वित्त मंत्री ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी अनेक वस्तुओं पर
सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री ने कैशलेस लेन-देन वाले उपकरणों से जुड़ी कुछ विशेष वस्तुओं पर
शून्य सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क का प्रस्ताव किया है, ताकि इन उत्पादों के
घरेलू निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
बजट में वित्त अधिनियम, 2005 की धारा 85 के तहत तम्बाकू एवं इससे संबंधित अनेक उत्पादों पर उत्पाद
शुल्क बढ़ाने और अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तर मंत्री ने अनुमानित आय योजना का विकल्प चुनने वाले व्यातवसायिक उद्यमियों की लेखा-परीक्षा के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रु. से बढ़ाकर दो करोड़ रु. करने का प्रस्तााव किया। इसी प्रकार विशिष्टिरयों और हिन्दून अविभाजित परिवारों के लिए बहियों के रखरखाव की प्रारंभिक सीमा 10 लाख रु. टर्नओवर से बढ़ाकर 25 लाख अथवा आय को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना प्रस्ता वित किया।
श्री जेटली ने श्रेणी-I एवं श्रेणी–II के विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक को अप्रत्यटक्ष अंतरण उपबंध से छूट प्रदान करने का प्रस्ताrव भी पेश किया। साथ ही उन्होंयने स्पअष्ट किया कि भारत में कर-प्रभार्य निवेश के शोधन या बिक्री के परिणाम स्व रूप या इससे उत्पसन्नय भारत से बाहर शेयरों के शोधन या ब्यानज के मामले में अप्रत्यरक्ष अंतरण प्रावधान लागू नहीं होंगे।
व्येक्तियगत बीमा एजेंटो को राहत देने के मकसद से श्री जेटली ने उन्हें टीडीएस की कटौती से छूट प्रदान करने का प्रस्तााव भी पेश किया। साथ ही उन्हों ने स्पकष्ट किया कि बीमा एजेंटों को स्व घोषणा करनी होगी कि उनकी आय कर योग्यौ सीमा से कम है। अब तक, व्यपक्तिनगत बीमा एजेंटों को देय कमीशन में 5 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है।
बजट में डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रमुख रूप से बढ़ावा: 3 लाख रुपए से अधिक नगदी रहित लेन-देन का प्रस्ताव।
सरकार भीम ऐप, आधार समर्थित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने की योजना शुरू करेगी।
श्री जेटली ने कहा कि बाउंस चैक का भुगतान प्राप्तकर्ता ले सकें यह सुनिश्चित
करने के लिए सरकार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट में उचित संशोधन करने पर विचार
कर रही है।
सुगमता से व्यापार के लिए कई उपायों की घोषणा
व्यापार करने में सुगमता का माहौल विकसित करने कि सरकार की नीति के तहत वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोक सभा में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कई अन्यम उपायों की घोषणा की।वित्तर मंत्री ने अनुमानित आय योजना का विकल्प चुनने वाले व्यातवसायिक उद्यमियों की लेखा-परीक्षा के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रु. से बढ़ाकर दो करोड़ रु. करने का प्रस्तााव किया। इसी प्रकार विशिष्टिरयों और हिन्दून अविभाजित परिवारों के लिए बहियों के रखरखाव की प्रारंभिक सीमा 10 लाख रु. टर्नओवर से बढ़ाकर 25 लाख अथवा आय को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना प्रस्ता वित किया।
श्री जेटली ने श्रेणी-I एवं श्रेणी–II के विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक को अप्रत्यटक्ष अंतरण उपबंध से छूट प्रदान करने का प्रस्ताrव भी पेश किया। साथ ही उन्होंयने स्पअष्ट किया कि भारत में कर-प्रभार्य निवेश के शोधन या बिक्री के परिणाम स्व रूप या इससे उत्पसन्नय भारत से बाहर शेयरों के शोधन या ब्यानज के मामले में अप्रत्यरक्ष अंतरण प्रावधान लागू नहीं होंगे।
व्येक्तियगत बीमा एजेंटो को राहत देने के मकसद से श्री जेटली ने उन्हें टीडीएस की कटौती से छूट प्रदान करने का प्रस्तााव भी पेश किया। साथ ही उन्हों ने स्पकष्ट किया कि बीमा एजेंटों को स्व घोषणा करनी होगी कि उनकी आय कर योग्यौ सीमा से कम है। अब तक, व्यपक्तिनगत बीमा एजेंटों को देय कमीशन में 5 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है।
बजट में डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रमुख रूप से बढ़ावा: 3 लाख रुपए से अधिक नगदी रहित लेन-देन का प्रस्ताव।
सरकार भीम ऐप, आधार समर्थित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने की योजना शुरू करेगी।
2017-18 में 2500 करोड़ डिजिटल लेनदेन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन स्थापित किया
जाएगा।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और नियमित करने के कई उपायों का प्रस्ताव।
डिजिटल अर्थव्यवथा को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार तथा कालेधन को समाप्त करने के लिए केंद्रीय वित्त और
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार
ने निर्णय लिया है कि 3 लाख से अधिक का लेने-देन नगद में नहीं किया जाएगा। कालाधन
समाप्त करने के लिए विशेष जांच दल द्वारा तीन लाख से अधिक नगदी लेन-देन पर
प्रतिबंध लगाने के सुझाव पर वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक के आयकर अधिनियम में
संशोधन का प्रस्ताव किया है।संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भीम ऐप
के उपयोग को बढा़वा देने के लिए दो नई योजनाएं यानि व्यक्तियों के लिए रेफरल बोनस
स्कीम और व्यापारियों के लिए कैशबैक स्कीम शुरू करेगी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा
देने के लिए भीम ऐप का शुभारंभ किया गया था और इससे डिजिटल भुगतान और वित्तीय
समावेशन के लिए मोबाइल फोनों की शक्ति बढ़ेगी। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने
सदन को बताया कि अब तक 125 लाख लोगों ने भीम ऐप को अपना लिया है।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार भुगतान, आधार समर्थित भुगतान प्रणाली के
व्यापारिक संस्करण के जल्द ही शुरू किए जाने की भी घोषणा की। यह उन लोगों के
लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जिनके पास डेबिट कार्ड, मोबाइल वैलेट और मोबाइल फोन नही
है। यूपीआई, यूएसएसडी, आधार भुगतान, आईएमपीएस और डेबिट कार्डों के जरिए 2017-18 के लिए 2500 करोड़ डिजिटल लेनदेन के
लक्ष्य के साथ एक मिशन की स्थापना की जाएगी। बैंकों ने मार्च, 2017 तक अतिरिक्त10 लाख नए पीओएस टर्मिनल
शुरू करने का लक्ष्य रखा है। उन्हें सितम्बर, 2017 तक 20 लाख आधार आधारित पीओएस शुरू
करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।डिजिटल अर्थव्यवस्था के जरिए तंत्र को स्वच्छ बनाने की सरकार की कार्य
नीति को रेखांकित करते हुए श्री जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से
औपचारिक बनाने और बैकिंग पद्धति में वित्तीय बचतों को मुख्य धारा से जोड़ने में
इसका परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ता है और ऋण की कम लागत से देश में निजी निवेश को
सुदृढ़ बनाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस समय भारत बड़ी डिजिटल क्रांति के
शीर्ष पर है। वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल भुगतान शुरू होने से आम आदमी को बहुत
लाभ हुआ है। वित्तीय समावेशन और जनधन, आधार, मोबाइल (जेएएम) त्रिसूत्र को बढ़ावा देने के सरकार
के पहले के प्रयास वर्तमान में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण थे।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रस्ताव
किया है कि कुल दो करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे और मध्यम स्तर के कर
दाताओं की कुल बिक्री का मौजूदा कर 8 प्रतिशत तक घटा दिया जाएगा और उसकी नगदी से अलग
माध्यमों से प्राप्त हुए कारोबार के संबंध में 6प्रतिशत अनुमानित आय के रूप में
गणना की जाएगी। यह लाभ चालू वित्त वर्ष में किए गए लेनदेन पर भी लागू होगा।
वित्त मंत्री ने कटौती के रूप में राजस्व और पूंजी व्यय के लिए नगदी व्यय
की सीमा 10 हजार रुपए तक करने का भी प्रस्ताव किया है। इसी प्रकार किसी धर्मार्थ न्यास
द्वारा प्राप्त की जाने वाली नगद दान की राशि की सीमा को 10 हजार से घटाकर दो हजार रुपए कर
दिया गया है।
नगदी रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में एम-पीओएस के
लिए मिनिएचर पीओएस कार्ड रीडर, माइक्रो एटीएम स्टेंडर्ड वर्जन 1.5.1,फिंगर प्रिंट रीडर/स्केनर
और आइरिस स्केनर पर बीसीडी, उत्पाद शुल्क/सीवी शुल्क/एसएडी से छूट का प्रस्ताव किया
है। उन्होंने विर्निमाण के ऐसे कलपुर्जों पर भी छूट का प्रस्ताव किया है,
ताकि इन कलपुर्जों
के घरेलू विर्निमाण को भी बढ़ावा दिया जा सके।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और नियमित करने के लिए वित्त मंत्री ने
विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए मौजूदा बोर्ड को प्रतिस्थापित करके भारतीय रिजर्व
बैंक (आरबीआई) में भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन करने का प्रस्ताव किया है।
आर्थिक कार्य विभाग द्वारा गठित डिजिटल भुगतान संबंधी समिति ने भुगतान और निपटान
पद्धति अधिनियम 2007 में संशोधन करने सहित भुगतान इको प्रणाली में संरचनात्मक सुधार करने की
सिफारिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस अधिनियम की व्यापक समीक्षा
करेगी और उचित संशोधन किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने अपने बजट
भाषण में कहा कि डिजिटल भुगतान अवसंरचना और शिकायत निवारण तंत्रों को सुदृढ़ करने
के लिए डाकघरों, उचित मूल्य की दुकानों और बैकिंग कोरस्पोंडेंट के माध्यम से ग्रामीण और
अर्धशहरी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भीम ऐप सहित
पेट्रोल पम्पों, उर्वरक डिपो, नगर पालिकाओं, ब्लॉक कार्यालयों, सड़क परिवहन कार्यालयों, विश्व विद्यालयों, महाविद्यालयों, अस्पतालों और अन्य
संस्थानों में डिजिटल भुगतान की सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
निर्धारित सीमा से अधिक डिजिटल माध्यम से किए गए सरकारी लेनदेन की रसीद देना
अनिवार्य करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन
पहलों के लिए संसाधनों को बढ़ाने के वास्ते सरकार वित्तीय समावेशन निधि को सुदृढ
करेगी।अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि बढ़ते डिजिटल लेनदेन से लघु और
सूक्ष्म उद्यमों की औपचारिक ऋण तक पहुंच बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सिडबी को
ऐसे ऋण संस्थानों को कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जो कर्ज लेने वालों के लेनदेन की
क्षमता पर उचित ब्याज दर से प्रतिभूति रहित ऋण प्रदान करती हैं।वित्त मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार डिजिटल लेनदेन पर मुख्यमंत्रियों
की समिति की अंतरिम सिफारिशों को शीघ्र ही कार्यान्वित करने के लिए विभिन्न
हितधारकों के साथ बातचीत कर इस पर कार्य करेगी।

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